ABT ( फोटो-प्रतिष्ठित इतिहासकार हिलाल अहमद ) |
नई दिल्ली- प्रतिष्ठित इतिहासकार हिलाल अहमद ने सोमवार को यहां कहा कि देश की आजादी के बाद यहां न तो गांधी की बात होती है, और न मुसलमानों की। उन्होंने कहा कि आज निस्संदेह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे बड़े ब्रांड हैं, लेकिन गांधी आज भी लोगों के दिलो दिमाग में बसे हुए हैं। हिलाल अहमद यहां गांधी शांति प्रतिष्ठान के वार्षिक व्याख्यान माला में व्याख्यान दे रहे थे। गांधी जयंती पर आयोजित व्याख्यान का इस वर्ष का विषय था -'गांधी का भारत छोड़ो आंदोलन'।अहमद ने चंपारण में 1917 में गांधी की पहली लड़ाई और 1942 में उनकी आखिरी लड़ाई के बीच के भारत और गांधी की उसमें भूमिका पर अपनी बात रखी।
दिल्ली विश्वविद्यालय, वेलिंगटन के विक्टोरिया विश्वविद्यालय, ढाका विश्वविद्यालय, पुणे विश्वविद्यालय में अध्यापन कर चुके हिलाल ने अपने व्याख्यान में 1942 के संदर्भ में आज के राष्ट्रवाद पर भी अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा, "आजादी के बाद न तो गांधी की बात होती है, और न मुसलमानों की। जबकि आजादी से पहले यही दोनों हर चर्चा के केंद्र में हुआ करते थे।" हिलाल ने कहा कि गांधी का हिंद स्वराज आज के समाज को, आज की राजनीति को आईना दिखा सकता है, राह दिखा सकता है। उन्होंने कहा, "हिंद स्वराज में गांधी पाठक को बताते हैं कि उत्तेजना से कोई विमर्श खड़ा नहीं होता। आलोचना से निर्णय पर पहुंचा जा सकता है। लेकिन आज हर विमर्श में उत्तेजना है और आलोचना के लिए कोई जगह नहीं बची है।"अहमद ने गांधी के जमाने की राजनीति पर कहा, "गांधी की राजनीति उनके आचरण में लिप्त है। जबकि आज की राजनीति आचरण से अलग हो चुकी है। जितनी राजनीति सामने होती है, उससे कहीं अधिक छुपी हुई होती है।" बल्कि जो छुपी हुई होती है, वही आज की असली राजनीति बन गई है।
उन्होंने कहा कि गांधी राजनीति को धर्मयुद्ध मानते हैं और वह कहते हैं 'धर्मयुद्ध में छुपाने के लिए कुछ नहीं होता है।' अहमद ने कहा, "आज की राजनीति में बेशक (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी सबसे बड़े ब्रांड हैं। वह सबसे ज्यादा बिकने वाले ब्रांड हैं। लेकिन गांधी सभी के दिलो-दिमाग में बसने वाले हैं।" गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने इस 23वें व्याख्यान में आए सभी गांधी प्रेमियों का स्वागत किया।
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